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लीडर बनने की क्या विशेषताए है।

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हेल्लो दोस्तो कैसे हो आप लोग, मुजे काफी समय के बाद ब्लॉग लिखने का समय मिल है तो आज में आपसे एक अच्छा लीडर कैसे बने और अच्छे लीडर में क्या क्या अच्छाइयां होती है जो हमे सीखनी चाहिए और अपने जीवन मे भी इसे अपनाना चाहिए। https://www.thebalancesmb.com/leadership-definition-2948275 आप सोच रहे होंगे कि लीडर कैसे बने? लीडर बनान कोई आसान काम नही है, लोगो को अपने विचारों के साथ सहमत करना और अपनी बाते सुनाना ये कोई आसान काम नही है, पर ये इतना मुश्किल भी नही है जितना हम लोग सोचते है, जब आप कुछ बनाने का या कुछ करने का सोच लेते है तो आपको पहले उसके लिए एक सही प्लानिंग करनी होगी, ओर उसी प्लान के मुताबिक चलना होगा। शुरू शुरू में तो आप जब करेंगे तो काफी सारी गलतीया होगी, पर इससे घभराये नही क्योकि यही गलतिया आपको आगे बढ़ने में भी मदद करेगी। लीडरशिप का ख्याल बदलाव के बारे में है जो पहले आपको अपने आप मे लाना होगा और आपको खुद अपना लीडर बनना होगा, तब जाके आप भविष्य में एक अच्छे लीडर बन सकते हो। शरुआत में आप खुदके लीडर बने ओर अपने विचारों, भावनाओ, ओर उत्साह को सही दिशा दे, ओर फिर जो डिफरेंस दिखाई देता है  वो

इन जगहों पर गुरुत्वाकर्षण बल काम नही करता।

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हेल्लो दोस्तो क्या आप जानते है दुनिया की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहाँ पे गुरुत्वाकर्षण बल ठीक से कम नही करता। नही जानते तो इस दिलचस्प पोस्ट को जरूर पढ़ें और अपनी जानकारी बढ़ाये। आप लोग गुरुत्वाकर्षण के बारे में तो जानते ही होंगे, अपने इसे स्कूल में कईबार सुना होगा। गुरुत्वाकर्षण की वजह से कोई भी चीज पृथ्वी से जुड़ी रहती है, हम किसी भी चीज को हकमे उछलते है तो वो जमीन की ओर ही गिरती है। मगर दोस्तो इस पृथ्वी पे के सारी ऐसी जगह भी है जहाँ पे गुरुत्वाकर्षण ठीक से काम नही करता तो आइए आज हम इन जगहों के बारेमे जानते है। 1) मिस्ट्री स्पॉट, सांताक्रुज, केलिफोर्निया: https://www.viamagazine.com ये जगह बहोत ही रहस्यमय जगह है, यह पे आकर आप कई सारे ऐसे अनुभव करेंगे जो अपने कभी नही किये होंगे, याग पे आपको पानी उल्टा बहता हुआ भी नजर आ सकता है, ओर सभी पेड पौधे आपको एक ही दिशा में बढ़ते हुए नजर आएंगे, इस लिए आपको यह गुरुत्वाकर्षण बल काम पड़ता है महसूस होगा। 2)कॉसमॉस मिस्ट्री एरिया, रेपिड सिटी, साउथ डकोटा, अमेरिका: https://in.pinterest.com किसी वेबसाइट में दिखाया गया है कि ये ज

Politician हमे Emotionaly मूर्ख कैसे बनाते है।

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इसमे कोई संदेह नही है कि हम भारतीय लोग बहोत ज्यादा emotional ओर sensitive होते है, और हमे मूर्ख बनाने के लिए कुछ इमोशनल शब्दो की जरूरत होती है। ज्यादातर इमोशन्स हमारी तार्किक सोच को प्रभावित करती है, ओर इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे देश की शांति, सद्भाव, ओर एकता को भंग करती है। हम भारतीय दुसरो को प्रेम और सम्मान देना जानते है, ओर हमारे इस गुण का फायदा सभी राजनेता खुद के निजी स्वार्थ के लिए लेते है। हमे पाता है की हमलोग इमोशन है और पर  हम इस बातको मनाने से इनकार करते है कि हम एमोसनली मूर्ख बनते है। में यहा पे "मूर्ख" शब्द का प्रयोग इसलिए नही कर रहा कि इससे लोगो की भावनाओ को ठेस पोहचे पर इस लिए कर रहा हु की इससे लोगो की आंखे खोल कर सच्चाई का सामना कर सके। पॉलिटिशियन हमे आसानी से मूर्ख बनाते रहते है, वो हमारे बीच दरार बनाते है ताकि उनका फायदा हो सके। भारत मे पॉलिटिशियन डिवाइड एंड रूल का खेल खेलते है। वे जानते है कि आम आदमी के पास वो ताकत है कि वो देश को बदल सकता है, वो जानते है कि अगर सब आम आदमी मिलकर एक हो जाये तो उनका जीवन सुखी और शांतिमय हो जाएगा, इस लिए वो डिवाइड एंड

Debate ओर Discussion का हुनर सीखें।

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आपको आपके आसपास ऐसे लोगो का होना अच्छा लगता है जिनकी थिंकिंग आपके जैसी ही होती है? आप अपना ज्यादातर समय ऐसे फ्रेंड्स या लोगो के साथ बिताते है जो आपके जैसा होता है? आप ऐसे न्यूज़ ओर दूसरी चीजे देखते है जो आपकी धारना के मुताबिक हो? आमतौर पर लोगो को ऐसे इंसान ज्यादा पसंद होते है जो उनके जैसे ही हो, जिनके विचार ओर धारना एक समान हो। आप अगर ऐसे ही इंसानो के बीच मे घिरे रहेंगे जिनकी सोच और धारनाए आपके जैसी ही है तो आपका व्यक्तिगत विकास होना मुश्किल है। क्योकि ऐसे लेगो के बीचमे रहनेसे आपकी डिबेट ओर डिसकशन की एक मर्यादा आ जाती है। आपको आपके विचारों पे क्यो दुसरो की महोर लगाना अच्छा लगता है? आपको क्यो ऐसे लोगो की जरूरत होती है जिनके विचार और धारणा आपके जैसी ही हो? आपको क्यो अच्छा नही लगता जब आप ऐसे व्यक्ति से मिलते है जिसकी सोच और धारणा आपके जैसी नही होती? आप क्यो ऐसा सोचते है कि वो व्यक्ति गलत है जिसके विचार और धारणा आपसे अलग है? कुछ लोगो को उनके इसी वर्तुल या दायरे में रहना अच्छा लगता है। उन्हें खुद उनके ही नियम और मर्यादा में रहना पसंद होता है। क्योंकि ऐसे लोग अपने आपको फ्री ओर हल्का म

प्रियंका चोपड़ा ने कहा: पूरे दिल से उअकि हो चुकी हूं।

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प्रियंका चोपड़ा ने अपने नए इंस्टाग्राम पोस्ट में फ़ोटो डाली है जिसमे प्रियंका पिले कलर के ड्रेस में अपना एक हाथ निक जोनास के सीने पर हाथ रखकर आंखों में आंखे डाल कर पोज़ दिया है।और इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि "TAKEN.... WITH ALL MY HEART AND SOUL" यानी कि "में पूरे डिल ओर आत्मा से उसकी हो चुकी हूं" प्रियंका ने सोशल मीडिया में खुले आम कहा है कि वो निक जोनास की हो चुकी है। ओर अभी सोशल मीडिया में निक ओर प्रियंका के पोस्ट ओर फ़ोटो सबसे ज्यादा लाइक ओर शेयर हो रहे है।  ओर इस ट्रेंड में प्रीति जिंटा ने भी इन दोनों की एक फोटो शेयर की है जिसमे इन दोनों का एक दूसरे के हाथों में हाथ है और कुछ धार्मिक विधि की वस्तुएं दिखाई देती है इससे पता चलता है कि पूरे भारतीय रीत रिवाज से दोनों बंधन में बंध रहे है। पिछले कई दिनों से इन दोनों की साथ मे तस्वीरे ओर कई जगहों पर साथ मे दिखे जाने से ये चर्चा भी होनी चालू हो गयी थी के इन दोनों के बीच मे कुछ चल रहा है।ये दोनों मुकेश अम्बानी के बेटे की सगाई में भी दिखे गए थे पर तब इन्होंने अपने इस रिलेशन के बारे में कुछ भी बोल नही था।

किसी भी बड़े नेता के निधन की जानकारी पहले PMO को ही क्यो दी जाती है?

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जी हा दोस्तो यह बहोत रोचक जानकारी है कि भारत मे कोई भी बडे राजनेता का निधन होता है तो सबसे पहले इस समाचार को PMO को दिए जाते है ऐसा क्यो होता है तो आइए जानते है इस क्यो किया जाता है। दोस्तो इस बात के पीछे बजी एक बड़ा कारण छुपा हुआ है। क्योकि 1987 के जून महीने की ये बात है जब ऑल इंडिया रेडियो ने उस समय के सांसद जगजीवन राम के निधन की न्यूज़ फैला दी थी, पर असल मे उनका निधन हुआ नही था बल्कि उनका इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में चल रहा था। तब उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे जो अपने मोरेसियस दौरे पे जाने के लिए एअरपोर्ट पर पहोचे थे तब उन्हें ये समाचार मिल ओर राजीव गांधी यह खबर सुनकर तुरंत एयरपोर्ट से हॉस्पिटल पहोच गौए। तब उन्हें असली हकीकत का पता चला। उस समय एयरपोर्ट लॉन्ज में भी सभी पत्रकारों ने ऑलइंडिया के इस समाचार को सही मानकर ऐसा बोल दिया था कि जगजीवन राम नही रहे। पर असल मे उनका निधन माही पर वो गंभीर तरह से भिमार थे। इस गलतफैमि के बाद ऑल इंडिया रेडियो और दूसरी न्यूज़ अजेंसीय ने सबसे माफी भी मांगी थी। उसके बाद एक विवाद हो गया था कि जगजीवन राम असल मे जीवित

FRUSTRATION (हताशा) का कैसे सामना करे।

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दुनिया मे हरेक इंसान का कोई न कोई लक्ष्य या अपेक्सा होती है। और अगर जिस तरह वो इंसान चाहता है उस प्रकार से पूरी नही होती तब उसे बहोत निराशा या हताश हो जाता है। हर एक इंसान का उसके जीवन के अनुसार कोइना कोई लक्ष्य होता है, उसे अपने चाहने वाले या प्रियजन से कोई न कोई अपेक्षा होती है, हर एक व्यक्ति सफल व्यक्तिगत और व्यावसायिक जिवन चाहता है, पर ये सब अपेक्षा उस व्यक्ति को सही परिणाम नही देते तब वो frustrat हो जाता है। लोगो को समय और परिणाम से जुड़ी गलत धारणा के कारण हताशा होती है। लोग मानते है कि वो कड़ी मेहनत और ज्यादा समय अपने काम मे देंगे तो उन्हें सफल जीवन जरूर प्राप्त होगा। ये सही बात है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत बहोत जरूरी है पर उसके सामने ये भी सच्ची हकीकत है कि वो कड़ी मेहनत आप किस काम मे कर रहे हो। Steve jobe: IF YOU REALLY LOOK CLOSELY MOST OVERNIGHT SUCCESS TOOK A LONG TIME. इसलिए हताश होने से पहले या उसे छोडने से पहले ये जानले की जिवन में कभी भी सफलता का ग्राफ रैखिक नही होता। परंतु आपको सफलता मिलेगी ये तेय है। ज्यादातर ऐसा होता है कि आपन

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