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90% ડેમેજ થયા બાદ પણ લિવર ઓટોમેટિક રિપેર થાય:

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  આપણું સૌથી વફાદાર અંગ લિવર છે, પણ શું તમે એને વફાદાર છો?, આ રીતે રાખો હેલ્ધી https://redcliffelabs.com/myhealth/health/what-is-fatty-liver -and-how-to-diagnose-it/ લખતેજિગર. તમે આ શબ્દ સાંભળ્યો જ હશે. જો તમે કોઈ માટે તમારો અગાધ પ્રેમ વ્યક્ત કરવા માગતા હોવ તો કહો કે તે મારા દિલનો ટુકડો છે. આ શબ્દ બોલિવૂડનાં ગીતોમાં વારંવાર સાંભળવા મળે છે. અજય દેવગન અને કરિશ્મા કપૂરની ફિલ્મ છે - જિગર. જ્યારે તમે હિન્દી ગીતોમાં 'જિગર' શબ્દ સાંભળો છો ત્યારે તમને લાગે છે કે ગીતકાર શરીરના કયા ભાગનો ઉલ્લેખ કરી રહ્યો છે? તમારી આસપાસના લોકોને પૂછવાનો પ્રયાસ કરો. મોટા ભાગના જવાબો હશે - હૃદય. ના, ખોટો જવાબ. જિગર હૃદય નથી, પણ લિવર છે. લિવર એ આપણા શરીરનો એક એવો ભાગ છે, જે સૌથી કીમતી, સૌથી વફાદાર, સૌથી મહત્ત્વપૂર્ણ છે, પરંતુ જેના વિશે આપણે ઓછામાં ઓછું જાણીએ છીએ અને એની ઓછી કાળજી પણ લઈએ છીએ. આપણે પિત્ઝા, બર્ગર, કોલ્ડ ડ્રિંક્સ, આલ્કોહોલ જેવી વસ્તુઓ ખાતા-પીતા હોઈએ છીએ અને આપણું લિવર એને સહન કરી રહ્યું છે. આ બધું લિવર માટે યાતનાથી ઓછું નથી. તેમ છતાં એ આપણું ભલું વારંવાર ઈચ્છે છે એ એની ભલાઈ છે. લિવર આપણા શરીરમા

34 साल पुराना कायदा बदला, अब ग्राहक नही होगा परेशान।/Consumer Protection Act 2019.

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दोस्तो हम सब के लिए ये बहोत ही खुशी के समाचार है कि ग्राहक सुरक्षा अधिनियम में ये बदलाव आया है, इससे अब किसी भी ग्राहक को कोई तकलीफ नही रहेगी। केन्द्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया गया है, जो पहले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 था। इश्मे 34 साल बाद बदलाव आया है। अब नही होंगे गलत विज्ञापन: Source इस नये कायदे के आने के बाद कोई भी कंपनी अपनी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन नही कर सकती, ओर अगर ऐसा किया तो उनके ऊपर कार्यवाही हो सकती है। और इस कार्यवाही को कम समय मे ही समाप्त करनी होगी। इस कायदे में अदालतों के साथ साथ शिकायत करने के लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी(CCPA) का भी गठन किया गया है। इश्मे ग्राहक की सीकायतों का जल्द से जल्द हल निकलेगा। विज्ञापन में आने वाले सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकती है: Source जी हा दोस्तो अब ग्राहक को लुभाने के लिए किसीभी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन दिखाने पे नाही उस कंपनी को बल्कि उस विज्ञापन में दिखाए गए सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकेगी। इस लिये अब कोई भी क्रिकेटर या कोई फिल्मी हस्ती ऐसी कोसी प्रोडक्ट का विज्ञापन करने से पहले 100 ब

क्या अंतर है 'मैजिस्ट्रेट' ओर 'जज' में।Deference between 'Magistrate' and 'judge'.

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ये दोनों शब्द हम कई बार सुनते हे ओर हमे ऐसा लगता है कि ये दोनों एक दूसरे के समानार्थी शब्द है पर एसा बिल्कुल नही है ये दोनों पोस्ट यानी पद और इनके काम काफी अलग है। तो आइए जानते हे कया फर्क है इनके बीच। मैजिस्ट्रेट (Magistrate): मैजिस्ट्रेट एक न्यायिक अधिकार वाले ऑफिसर होते है, जिसे सिविल ऑफिसर भी कहते है। ये किसी शहर या जिले में कायदे की व्यवस्था करते है। वे जज की तरह कानूनी केस देखते है पर इनके अधिकार जज जितने नही होते। जज के पास जितनी कायदे बनाने की मर्यादा होती है उनसे कम मैजिस्ट्रेट के पास होती है।  इनकी तनख्वा 56,000 से 1,16,000 तक होती है। जुडिशल मैजिस्ट्रेट :  निचली अदालतों में मैजिस्ट्रेट केस की सुनवाई करते है जो बहोत प्रारभिक मामलो के केस होते है। वे सेसन जज के अधीन होते है। चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट : चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट की हैसियत से हाइकोर्ट में इन्हें नियुक किया जाता है, जो हर जिले में होते है। वे सेसन जज के अंडर में आते है। मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट : इन्हें उन जगहों पर नियुक्त किया जाता है जहाँ की आबादी 10 लाख से अधिक है। वे सेसन जज को रिपोर्ट करते है और मुख्य नगर के मैजिस

I.A.S ओर I.P.S, क्या फ़र्क है इनमे? जानिए पूरी डिटेल।

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आईएएस ओर आईपीएस ये दोनों ही भारत मे सरकारी नॉकरी में सबसे ऊंची पोस्ट है। IAS का अर्थ है भारत की प्रशासन सेवा और IPS कार्थ है भारत की पुलिस सेवा। इन दोनों पोस्ट में नॉकरी बहोत चुनौती भरी होती है जो न केवल आपको पद ओर प्रतिष्ठा देती है बल्कि राष्ट्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहना पड़ता है ओर समाज को सुरक्षा भी देनी पड़ती है। अब हम इन दोनों में क्या फर्क है वो देखते है। IAS (आईएएस): Source IAS यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस, ये भारत की चुनौती पूर्ण नॉकरिओ में से एक है।आईएएस बनने के लिए आईएएस की परीक्षा पास करनी होती है जो हर साल UPSC यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमिसन के द्वारा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में भारत मे से लाखों प्रतियोगी हिस्सा लेते है पर इनमेसे 150 जितने ही उत्तीर्ण होते है। प्राइवेट सेक्टर की लाखों रुपए की सैलरी के मुकाबले ये जॉब भारतीय युवा वर्ग में सबसे प्रचलित है, क्योकि इश्मे पद, प्रतिष्ठा और पैसा सब मिलता है। पद के क्रमानुसार देखे तो आईएएस की जॉब आईपीएस ओर आईएफएस से ऊपर होती है। इनके कैडर को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, ओर पब्लिक सेक्टर से रोजगारी मिलती है। आईएएस ऑफिसर जिल

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