Posts

Showing posts with the label political

adsense head

34 साल पुराना कायदा बदला, अब ग्राहक नही होगा परेशान।/Consumer Protection Act 2019.

Image
दोस्तो हम सब के लिए ये बहोत ही खुशी के समाचार है कि ग्राहक सुरक्षा अधिनियम में ये बदलाव आया है, इससे अब किसी भी ग्राहक को कोई तकलीफ नही रहेगी। केन्द्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया गया है, जो पहले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 था। इश्मे 34 साल बाद बदलाव आया है। अब नही होंगे गलत विज्ञापन: Source इस नये कायदे के आने के बाद कोई भी कंपनी अपनी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन नही कर सकती, ओर अगर ऐसा किया तो उनके ऊपर कार्यवाही हो सकती है। और इस कार्यवाही को कम समय मे ही समाप्त करनी होगी। इस कायदे में अदालतों के साथ साथ शिकायत करने के लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी(CCPA) का भी गठन किया गया है। इश्मे ग्राहक की सीकायतों का जल्द से जल्द हल निकलेगा। विज्ञापन में आने वाले सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकती है: Source जी हा दोस्तो अब ग्राहक को लुभाने के लिए किसीभी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन दिखाने पे नाही उस कंपनी को बल्कि उस विज्ञापन में दिखाए गए सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकेगी। इस लिये अब कोई भी क्रिकेटर या कोई फिल्मी हस्ती ऐसी कोसी प्रोडक्ट का विज्ञापन करने से पहले 100 ब

भारत के बारे में कुछ अनजानी बातें।

Image
हेलो दोस्तो आज में हमारे देश इंडिया यानी कि भारत के बारे में कुछ ऐसी अनजानी बाटे बताने जा रहा हु जो शायद आपको पता नही होगी, तो आइए जानते है वो क्या है। Infoandfunn 1/ Floating post office( पानी के तैरती हुई पोस्ट आफिस) www.theindiareview.com पूरी दुनिया मे सबसे बड़ा पोस्ट यानी कि डाक का नेटवर्क भारत मे है, जहापे 1,55,015 पोस्ट ऑफिस है, इसका मतलब औसतन 7,175 लोगो के बीच मे एक पोस्ट आफिस कार्यरत है, इनमेसे एक अनोखा पोस्ट ऑफिस श्रीनगर के दाल तालाब में आपको देखने को मिलेगा जो तैरता हुआ चलता फिरता पोस्ट ऑफिस है, यह एक मात्र एसा पोस्ट ऑफिस है जो तैरता है और इसकी शुरुआत अगस्त 2011 में किया गया था। 2/ अंतरिक्ष मेसे दिखने वाला कुंभ मेला। www.researchgate.net 2011 में जब भारत मे कुंभ का अयोजन हुआ था तब करीबन 5 हजार करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालु इसमे सामिल हुए थे, ओर ये बहोत अद्भुत नजारा था, ओर उस समय इस श्रद्धालुओ की भीड़  को अंतरिक्ष मेसे भी दिखाई दिया गया था। 3/ बांद्रा- वर्ली समुद्र मार्ग (bandra-worli sea link) wikipedia.org ऐसा कहा जाता है कि इस ब्रिज के बनाने में जो स्टील के तार का इस्तेमाल किय

Politician हमे Emotionaly मूर्ख कैसे बनाते है।

Image
इसमे कोई संदेह नही है कि हम भारतीय लोग बहोत ज्यादा emotional ओर sensitive होते है, और हमे मूर्ख बनाने के लिए कुछ इमोशनल शब्दो की जरूरत होती है। ज्यादातर इमोशन्स हमारी तार्किक सोच को प्रभावित करती है, ओर इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे देश की शांति, सद्भाव, ओर एकता को भंग करती है। हम भारतीय दुसरो को प्रेम और सम्मान देना जानते है, ओर हमारे इस गुण का फायदा सभी राजनेता खुद के निजी स्वार्थ के लिए लेते है। हमे पाता है की हमलोग इमोशन है और पर  हम इस बातको मनाने से इनकार करते है कि हम एमोसनली मूर्ख बनते है। में यहा पे "मूर्ख" शब्द का प्रयोग इसलिए नही कर रहा कि इससे लोगो की भावनाओ को ठेस पोहचे पर इस लिए कर रहा हु की इससे लोगो की आंखे खोल कर सच्चाई का सामना कर सके। पॉलिटिशियन हमे आसानी से मूर्ख बनाते रहते है, वो हमारे बीच दरार बनाते है ताकि उनका फायदा हो सके। भारत मे पॉलिटिशियन डिवाइड एंड रूल का खेल खेलते है। वे जानते है कि आम आदमी के पास वो ताकत है कि वो देश को बदल सकता है, वो जानते है कि अगर सब आम आदमी मिलकर एक हो जाये तो उनका जीवन सुखी और शांतिमय हो जाएगा, इस लिए वो डिवाइड एंड

किसी भी बड़े नेता के निधन की जानकारी पहले PMO को ही क्यो दी जाती है?

Image
जी हा दोस्तो यह बहोत रोचक जानकारी है कि भारत मे कोई भी बडे राजनेता का निधन होता है तो सबसे पहले इस समाचार को PMO को दिए जाते है ऐसा क्यो होता है तो आइए जानते है इस क्यो किया जाता है। दोस्तो इस बात के पीछे बजी एक बड़ा कारण छुपा हुआ है। क्योकि 1987 के जून महीने की ये बात है जब ऑल इंडिया रेडियो ने उस समय के सांसद जगजीवन राम के निधन की न्यूज़ फैला दी थी, पर असल मे उनका निधन हुआ नही था बल्कि उनका इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में चल रहा था। तब उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे जो अपने मोरेसियस दौरे पे जाने के लिए एअरपोर्ट पर पहोचे थे तब उन्हें ये समाचार मिल ओर राजीव गांधी यह खबर सुनकर तुरंत एयरपोर्ट से हॉस्पिटल पहोच गौए। तब उन्हें असली हकीकत का पता चला। उस समय एयरपोर्ट लॉन्ज में भी सभी पत्रकारों ने ऑलइंडिया के इस समाचार को सही मानकर ऐसा बोल दिया था कि जगजीवन राम नही रहे। पर असल मे उनका निधन माही पर वो गंभीर तरह से भिमार थे। इस गलतफैमि के बाद ऑल इंडिया रेडियो और दूसरी न्यूज़ अजेंसीय ने सबसे माफी भी मांगी थी। उसके बाद एक विवाद हो गया था कि जगजीवन राम असल मे जीवित

in text

in article

multiplex