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Showing posts from August, 2018

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Politician हमे Emotionaly मूर्ख कैसे बनाते है।

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इसमे कोई संदेह नही है कि हम भारतीय लोग बहोत ज्यादा emotional ओर sensitive होते है, और हमे मूर्ख बनाने के लिए कुछ इमोशनल शब्दो की जरूरत होती है। ज्यादातर इमोशन्स हमारी तार्किक सोच को प्रभावित करती है, ओर इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे देश की शांति, सद्भाव, ओर एकता को भंग करती है। हम भारतीय दुसरो को प्रेम और सम्मान देना जानते है, ओर हमारे इस गुण का फायदा सभी राजनेता खुद के निजी स्वार्थ के लिए लेते है। हमे पाता है की हमलोग इमोशन है और पर  हम इस बातको मनाने से इनकार करते है कि हम एमोसनली मूर्ख बनते है। में यहा पे "मूर्ख" शब्द का प्रयोग इसलिए नही कर रहा कि इससे लोगो की भावनाओ को ठेस पोहचे पर इस लिए कर रहा हु की इससे लोगो की आंखे खोल कर सच्चाई का सामना कर सके। पॉलिटिशियन हमे आसानी से मूर्ख बनाते रहते है, वो हमारे बीच दरार बनाते है ताकि उनका फायदा हो सके। भारत मे पॉलिटिशियन डिवाइड एंड रूल का खेल खेलते है। वे जानते है कि आम आदमी के पास वो ताकत है कि वो देश को बदल सकता है, वो जानते है कि अगर सब आम आदमी मिलकर एक हो जाये तो उनका जीवन सुखी और शांतिमय हो जाएगा, इस लिए वो डिवाइड एंड

Debate ओर Discussion का हुनर सीखें।

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आपको आपके आसपास ऐसे लोगो का होना अच्छा लगता है जिनकी थिंकिंग आपके जैसी ही होती है? आप अपना ज्यादातर समय ऐसे फ्रेंड्स या लोगो के साथ बिताते है जो आपके जैसा होता है? आप ऐसे न्यूज़ ओर दूसरी चीजे देखते है जो आपकी धारना के मुताबिक हो? आमतौर पर लोगो को ऐसे इंसान ज्यादा पसंद होते है जो उनके जैसे ही हो, जिनके विचार ओर धारना एक समान हो। आप अगर ऐसे ही इंसानो के बीच मे घिरे रहेंगे जिनकी सोच और धारनाए आपके जैसी ही है तो आपका व्यक्तिगत विकास होना मुश्किल है। क्योकि ऐसे लेगो के बीचमे रहनेसे आपकी डिबेट ओर डिसकशन की एक मर्यादा आ जाती है। आपको आपके विचारों पे क्यो दुसरो की महोर लगाना अच्छा लगता है? आपको क्यो ऐसे लोगो की जरूरत होती है जिनके विचार और धारणा आपके जैसी ही हो? आपको क्यो अच्छा नही लगता जब आप ऐसे व्यक्ति से मिलते है जिसकी सोच और धारणा आपके जैसी नही होती? आप क्यो ऐसा सोचते है कि वो व्यक्ति गलत है जिसके विचार और धारणा आपसे अलग है? कुछ लोगो को उनके इसी वर्तुल या दायरे में रहना अच्छा लगता है। उन्हें खुद उनके ही नियम और मर्यादा में रहना पसंद होता है। क्योंकि ऐसे लोग अपने आपको फ्री ओर हल्का म

प्रियंका चोपड़ा ने कहा: पूरे दिल से उअकि हो चुकी हूं।

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प्रियंका चोपड़ा ने अपने नए इंस्टाग्राम पोस्ट में फ़ोटो डाली है जिसमे प्रियंका पिले कलर के ड्रेस में अपना एक हाथ निक जोनास के सीने पर हाथ रखकर आंखों में आंखे डाल कर पोज़ दिया है।और इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि "TAKEN.... WITH ALL MY HEART AND SOUL" यानी कि "में पूरे डिल ओर आत्मा से उसकी हो चुकी हूं" प्रियंका ने सोशल मीडिया में खुले आम कहा है कि वो निक जोनास की हो चुकी है। ओर अभी सोशल मीडिया में निक ओर प्रियंका के पोस्ट ओर फ़ोटो सबसे ज्यादा लाइक ओर शेयर हो रहे है।  ओर इस ट्रेंड में प्रीति जिंटा ने भी इन दोनों की एक फोटो शेयर की है जिसमे इन दोनों का एक दूसरे के हाथों में हाथ है और कुछ धार्मिक विधि की वस्तुएं दिखाई देती है इससे पता चलता है कि पूरे भारतीय रीत रिवाज से दोनों बंधन में बंध रहे है। पिछले कई दिनों से इन दोनों की साथ मे तस्वीरे ओर कई जगहों पर साथ मे दिखे जाने से ये चर्चा भी होनी चालू हो गयी थी के इन दोनों के बीच मे कुछ चल रहा है।ये दोनों मुकेश अम्बानी के बेटे की सगाई में भी दिखे गए थे पर तब इन्होंने अपने इस रिलेशन के बारे में कुछ भी बोल नही था।

किसी भी बड़े नेता के निधन की जानकारी पहले PMO को ही क्यो दी जाती है?

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जी हा दोस्तो यह बहोत रोचक जानकारी है कि भारत मे कोई भी बडे राजनेता का निधन होता है तो सबसे पहले इस समाचार को PMO को दिए जाते है ऐसा क्यो होता है तो आइए जानते है इस क्यो किया जाता है। दोस्तो इस बात के पीछे बजी एक बड़ा कारण छुपा हुआ है। क्योकि 1987 के जून महीने की ये बात है जब ऑल इंडिया रेडियो ने उस समय के सांसद जगजीवन राम के निधन की न्यूज़ फैला दी थी, पर असल मे उनका निधन हुआ नही था बल्कि उनका इलाज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में चल रहा था। तब उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे जो अपने मोरेसियस दौरे पे जाने के लिए एअरपोर्ट पर पहोचे थे तब उन्हें ये समाचार मिल ओर राजीव गांधी यह खबर सुनकर तुरंत एयरपोर्ट से हॉस्पिटल पहोच गौए। तब उन्हें असली हकीकत का पता चला। उस समय एयरपोर्ट लॉन्ज में भी सभी पत्रकारों ने ऑलइंडिया के इस समाचार को सही मानकर ऐसा बोल दिया था कि जगजीवन राम नही रहे। पर असल मे उनका निधन माही पर वो गंभीर तरह से भिमार थे। इस गलतफैमि के बाद ऑल इंडिया रेडियो और दूसरी न्यूज़ अजेंसीय ने सबसे माफी भी मांगी थी। उसके बाद एक विवाद हो गया था कि जगजीवन राम असल मे जीवित

FRUSTRATION (हताशा) का कैसे सामना करे।

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दुनिया मे हरेक इंसान का कोई न कोई लक्ष्य या अपेक्सा होती है। और अगर जिस तरह वो इंसान चाहता है उस प्रकार से पूरी नही होती तब उसे बहोत निराशा या हताश हो जाता है। हर एक इंसान का उसके जीवन के अनुसार कोइना कोई लक्ष्य होता है, उसे अपने चाहने वाले या प्रियजन से कोई न कोई अपेक्षा होती है, हर एक व्यक्ति सफल व्यक्तिगत और व्यावसायिक जिवन चाहता है, पर ये सब अपेक्षा उस व्यक्ति को सही परिणाम नही देते तब वो frustrat हो जाता है। लोगो को समय और परिणाम से जुड़ी गलत धारणा के कारण हताशा होती है। लोग मानते है कि वो कड़ी मेहनत और ज्यादा समय अपने काम मे देंगे तो उन्हें सफल जीवन जरूर प्राप्त होगा। ये सही बात है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत बहोत जरूरी है पर उसके सामने ये भी सच्ची हकीकत है कि वो कड़ी मेहनत आप किस काम मे कर रहे हो। Steve jobe: IF YOU REALLY LOOK CLOSELY MOST OVERNIGHT SUCCESS TOOK A LONG TIME. इसलिए हताश होने से पहले या उसे छोडने से पहले ये जानले की जिवन में कभी भी सफलता का ग्राफ रैखिक नही होता। परंतु आपको सफलता मिलेगी ये तेय है। ज्यादातर ऐसा होता है कि आपन

आपको पता है की गुस्सा करना आपको कितना नुकशान पोहचाता है?

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हर रोज हमे नई नई चुनौती का सामना करना पड़ता है, जो हमारी भावनाओ को गतिमान करती है। कभी कभी ये भावनाये अच्छी होती है जो हमे खुश करके आगे बढ़ने मे हमारी मदद करती है, पर ज्यादातर हमे गुस्से वाली भावनाओ का सामना करना पड़ता है जो हमे नेगेटिव बनाती है ओर हमारे रास्ते मे रुकावट लाती है। ओर आज के इस फास्ट समय मे सब को गुस्सा बहोत जल्दी आ जाता है। हम अपने जानपहचान वालो पे गुस्सा होते है पर वो जिनको जानते नही उनपर भी गुस्सा करते है। ओर इसका मूलभूत कारण सोसिअल  मीडिया है। क्यो की सोसिअल  मीडिया के जरिये बहोत सारे जुठ फैलाये जाते है ओर हम उस जूठ पर कुछ भी जाने बगेर भरोसा कर लेते है। इसकी वजह से हम किसी निर्दोष या अंजान व्यक्ति पर भी गुस्सा करने लगते है, हालांकि हमे उस व्यक्ति के वरे मे कुछ पता नही होता बस एक मेसेज पढ़ कर अपना सारा गुस्सा उस व्यक्ति पर डाल देते है। लेकिन इसका मताल ये नही की सोशल मीडिया गलत चीज है उसके कई सारे पोसिटिव पासे भी है जिसे हमे अपनाना चाहिए। इस लिए नकारात्मक पोस्ट पर ध्यान ना देके सकारात्मक बनना चाहिए। आज की दुनिया बहोत फास्ट है इसलिए सब लोग बड़ी जल्दी मे होते है। जब

क्या आप अंधविश्वास के कारण जानते है?

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अपने कभी सोच है की अंधविश्वास क्यो काम करता है, ओर उसके कारण क्या है? विश्वास, कार्य, विचार, ओर वास्तविक चीज़े अंधविश्वास का कारण बनती है। आपको जानते है की लोग जब रास्ते पर चलते है तब काली बिल्ली रास्ता काटती है तो अपने आप को असहज क्यो महसूस करते है? अपने देखा होगा के कई लोग व्हाट्सअप मेऐसे मेसेज फॉरवर्ड करते है की " ये मेसेज 20 लोगों को भेजो ओर अगर नही भेजा तो आपके साथ कुछ बुरा होगा"। क्यो लोग ऐसे अंध विश्वास पर विश्वास करते है। अंधविश्वास लोगों की मान्यताओं के कारण होत है। ज्यादातर लोग इस मानते है की जो इंसान धार्मिक होता है वो अन्धविश्वासी होता है, मगर ऐसा बिल्कुल नही है। धर्म ओर अंधविश्वास दोनो अलग अलग आते है। आइए अंधविश्वास के वरे मे जानते है। हम तब अन्धविश्वासी बनते है जब हम धार्मिक विधिओ के साथ कुछ परिणाम पाने के लिए सलग्न होते है। हमे ये स्वीकार कर लेना चाहिए के हम अंधश्रद्धा मे व्यस्त है क्यो की हम उसे मानते है। अब हम अंधविश्वास को समजेंगे ओर किं चीज़ों से इसमे बढ़ावा हुआ है ये जानेंगे। जूठा पूर्वाग्रह : जूठा पूर्वाग्रह सबसे बाद कारण है अंधविश्वास

जाने Amazon के स्थापक की सफलता के बारे मे।

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"जेफ बेजोस" जो amazon इ कमेर्स कंपनी के स्थापक है। जिन्होंने online मार्केट को नई बुलंदियो पर पहोचा दिया है। जेफ ने अकेले amazon की स्थापन की ओर आज वो दुनिया की सबसे बड़ी इ कमेर्स कंपनी है। ओर जेफ भी दुनिया के सबसे अमीरो की लिस्ट मे सामिल है। जेफ का सफर आसान नही था , बल्कि बहोत सारी मुस्किलो से भरा हुआ था। जेफ का  जन्म 12 january को अलबुकर्क मे हुआ था जो मैक्सिको मे आता है। जब जेफ डेढ़ साल के थे तब ही उनके पिता उनको छोड़ के चल बसे थे। पिताके अवसान के बाद जेफ की मा ने दूसरी सादि की ओर सौतेले पिता के साये मे जेफ ने अपनी पढ़ाई पूरी की। फिर जेफ ने आगे की पढ़ाई अपनी नानि के घर जाके की। उन्होंने b-tech, कंप्यूटर साइन्स की पढ़ाई प्रिंसटन विद्यालय से की। उन्हें पहले से ही कंप्यूटर मे ज्यादा दिलचस्पी थी। स्नातक होने के बाद जेफ वॉलस्ट्रीट मे काम करने लगे, वहा पर उनकी उमद सोच के कारण 1990 मे एक कंपनी का वाइस प्रेसिडेन्ट बनने का मौका मिला। जेफ का मन नोकरी करके पेट भरने मे नही था। उनको कुछ बड़ा ओर अलग करना था। इसलिए 1994 मे उन्होंने अपनी अच्छीखासी नोकरी छोड़ कर online

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