आपको पता है की गुस्सा करना आपको कितना नुकशान पोहचाता है?
हर रोज हमे नई नई चुनौती का सामना करना पड़ता है, जो हमारी भावनाओ को गतिमान करती है। कभी कभी ये भावनाये अच्छी होती है जो हमे खुश करके आगे बढ़ने मे हमारी मदद करती है, पर ज्यादातर हमे गुस्से वाली भावनाओ का सामना करना पड़ता है जो हमे नेगेटिव बनाती है ओर हमारे रास्ते मे रुकावट लाती है। ओर आज के इस फास्ट समय मे सब को गुस्सा बहोत जल्दी आ जाता है।
हम अपने जानपहचान वालो पे गुस्सा होते है पर वो जिनको जानते नही उनपर भी गुस्सा करते है। ओर इसका मूलभूत कारण सोसिअल मीडिया है। क्यो की सोसिअल मीडिया के जरिये बहोत सारे जुठ फैलाये जाते है ओर हम उस जूठ पर कुछ भी जाने बगेर भरोसा कर लेते है। इसकी वजह से हम किसी निर्दोष या अंजान व्यक्ति पर भी गुस्सा करने लगते है, हालांकि हमे उस व्यक्ति के वरे मे कुछ पता नही होता बस एक मेसेज पढ़ कर अपना सारा गुस्सा उस व्यक्ति पर डाल देते है। लेकिन इसका मताल ये नही की सोशल मीडिया गलत चीज है उसके कई सारे पोसिटिव पासे भी है जिसे हमे अपनाना चाहिए। इस लिए नकारात्मक पोस्ट पर ध्यान ना देके सकारात्मक बनना चाहिए।
आज की दुनिया बहोत फास्ट है इसलिए सब लोग बड़ी जल्दी मे होते है। जब जल्दी मे कही पर देर हो जाये तो हम इससे जुड़े किसी भी व्यक्ति पर गुस्सा कर देते है जैसे की ड्राइवर को डांट देते है। अगर आपके दोस्त ने आपको भला बुरा कहा तो आप उसे माफ करने की बजाय आप उसपे गुस्सा होते हो ओर समय आने पर बदला लेने का प्लान बनाते हो। आजकल हर जगह लोग गुस्सा करने लगते है जैसे की ट्रैवेल करते वख्त या मार्केट मे या कई सारी ऐसी सार्वजनिक जगहों पर गुस्सा कर बैठते है। परंतु उस समस्या को तार्किक रूप से समझते नही है, ओर अपने आप को ही साबित करने की धुन मे लगे रहते है। इससे हममे बहोत सारी नकारात्मक भावनाए पैदा होती है। ओर क्रोध को बढ़ावा देती है।
गुस्सा कुदरती वस्तु है ,जब आप परेशान या मूडलेस होते हो तब गुस्सा आना स्वाभाविक है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की आप क्रोध को केसे व्यक्त करते हो, क्रोध आना कुदरती है पर उसे केसे व्यक्त करना वो हमारे हाथमे होता है। क्योकि क्रोध केवल आपको ही नही बल्कि आपके आसपास वाले सभी व्यक्ति या प्रियाजन को भी प्रभावित करता है। किसी भी चीज पर नाराज होना नॉर्मल बात है पर उस वक्त अपनी भावनाओ को व्यक्त करने का सही तरीका हमे आना चाहिए।
गुस्सा आपको केसे असर करता है ये देखते है।
जि हा दोस्तो जब हम गुस्सा होते है तब यातो अपने अंदर ही अंदर गुस्से को बढ़ाते है ओर सबसे अलग रहते है, या तो हम किसी ना किसी को भला बुरा केह कर अपना गुस्सा उसपे निकालते है। पर ये दोनो ही तरीके बिल्कुल गलत है ये सिर्फ आपको अपने चाहने वालोसे दूर कर सकते है।इस लिए जब आप गुस्सा होते हो तब अपने शब्दो पर नियंत्रण रखो, क्यो की गुस्से मे हम सब को बहोत भला बुरा बोल देते है ओर फिर जो शब्द बोले गये है उसे हम वापस नही ले सकते। हम गुस्से मे गलत बाते बोल देते है ओर बाद मे जब गुस्सा शांत होता है तो हम अफसोस करते है की ये मेने क्या बोल दिया। गुस्से मे अपना आपको कंट्रोल करके विनम्रता से वर्तन करना चाहिए।
हम जानते है की कभी कभी ऐसी परिस्थिति मे अपने गुस्से को रोकना बहोत नामुमकिन सा हो जाता है। ओर तब हम अपने गुस्से को बुरीतरह से बाहर निकालते है। जैसे की हमे अपने जीवन साथी या कोई करीबी व्यक्ति जो हमारे बहोत करीब हो ओर उसने हमे अंधेरेमे रखा या धोखा दिया तो इस परिस्थिति को हम संभाल नही सकते ओर गुस्सा कंट्रोल नही कर सकते। हम जानते है की उस व्यक्ति को हम माफ नही कर सकते। लेकिन आप उसे माफ नही करते हो तो आपके अंदर क्रोध भरा रहता है ओर वो क्रोध आपकी मानसिक शांति को भंग करता है। ओर फिर वो गुस्सा आपके मंन मे बढ़ता जाता है ओर उस व्यक्ति से बदला लेने को मजबूर करता है। ओर एक बात याद रखो दोस्तो के बदला लेना किसी समस्या का समाधान नही है बल्कि ये उस समस्या को बढ़ता है। ओर आगे बढ़कर आपके जीवन को ओर भी बद्तर बना देगा। पर हम उस व्यक्ति को माफ करके अपनी आगे के जीवन मे शांति बनाने के हकदार हो जाते है। जो लोग आपको कहते रहते है की आपको बहोत ज्यादा गुस्सा आता है आप गुस्सा करने के सिवा कुछ नही कर सकते तो इस बात को आप एक चुनौती के रूप मे ले कर उन्हें गलत साबित कर सकते हो ओर गुस्से को सही तरीके से व्यक्त कर सकते हो।
गुस्सा आपको विचलित करदेता है, नफरत ओर बदले की भावना आपको अपने काम से भटकाती है। इसकी वजह से काम मे ध्यान ना रहने से आपके ऑउट पूट पर भी असर पड़ता है। इस लिए जब क्रोधीत हो तब अपने आपको काम मे व्यस्त रखो इससे आपको नकारात्मक विचार नही आएंगे ओर क्रोध के कारण आने वाले एक ही वस्तु के विचारो से दूर रह सकते हो। इससे आपके ऑउट पूट भी बढ़ेगा ओर मंन भी शांत रहेगा।
गुस्सा आपके स्वास्थ्य पर असर करता है।
गुस्सा केवल आपके आसपास के व्यक्ति को ही नही बल्कि आपके स्वास्थ्य ओर दिमाग को भी असर करता है। आप गुस्से मे ना जाने क्याक्या बोल जाते हो जो बाद मे आपको दोषी महसूस करती है। ओर उस वक्त को मिटाना चाहते हो पर समय कभी मिटता नही है। ओर फिर ये बात हमे अपराधी ओर शर्मिंदगी मे डाल देती है, ओर उसी के विचारो मे खोये रहते है। ये बात आपके दिमाग या शरीर को इनदिरेक्टली प्रभावित करती है।
Photo by rawpixel.com from Pexels |
गुस्से के कारण हम गलत व्यक्ति या जो निर्दोष है उसे भी भला बुरा केह देते है। जैसे की ऑफिस मे काम के बारे मे बोस से जगड़ा होने के बाद घरपर बीवी बच्चो पर गुस्सा करते है जोकि उनका उसमे कोई दोष नही होता फिर भी हम उन्हें डांटते है। इस लिए कभी अपने व्यावसायिक ओर व्यक्तिगत जीवन को ना मिलाये, दोनो अलग अलग है आपको इन दोनो के बीच मे संतुलन बनाये रखना होगा। कभी भी निर्दोष लोगों पर अपना क्रोध ना निकाले। क्योकि ऐसा करने से आपके संबंधों मे तकलीफ आने की पूरी संभावना हो जति है।
Comments
Post a Comment