दोस्तो हम सब के लिए ये बहोत ही खुशी के समाचार है कि ग्राहक सुरक्षा अधिनियम में ये बदलाव आया है, इससे अब किसी भी ग्राहक को कोई तकलीफ नही रहेगी।
केन्द्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया गया है, जो पहले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 था। इश्मे 34 साल बाद बदलाव आया है।
अब नही होंगे गलत विज्ञापन:
इस नये कायदे के आने के बाद कोई भी कंपनी अपनी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन नही कर सकती, ओर अगर ऐसा किया तो उनके ऊपर कार्यवाही हो सकती है। और इस कार्यवाही को कम समय मे ही समाप्त करनी होगी। इस कायदे में अदालतों के साथ साथ शिकायत करने के लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी(CCPA) का भी गठन किया गया है।
इश्मे ग्राहक की सीकायतों का जल्द से जल्द हल निकलेगा।
विज्ञापन में आने वाले सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकती है:
जी हा दोस्तो अब ग्राहक को लुभाने के लिए किसीभी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन दिखाने पे नाही उस कंपनी को बल्कि उस विज्ञापन में दिखाए गए सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकेगी। इस लिये अब कोई भी क्रिकेटर या कोई फिल्मी हस्ती ऐसी कोसी प्रोडक्ट का विज्ञापन करने से पहले 100 बार सोचेंगे। क्योकि किसीभी प्रोडक्ट की गलत जानकारी देकर वो सेलिब्रिटी मुश्किल में पड़ सकते है।
सिकायत दर्ज करने में आसानी:
2019 के इस कायदे में अब ग्राहक किसीभी कंज्यूमर अदालत में अपनी सिकायत दर्ज करवा सकेगा, ये सुविधा 1986 के कायदे में।नही थी। मतलब की आप रहते है सूरत में ओर अहमदाबाद से कोई सामान खरीदा ओर उसके बाद आप मुम्बई चले गए तो आप वहा से भी ये सिकायत दर्ज करवा सकते है जो पहले एसा नही था। ई कमर्स का मार्केट बढ़ने के कारण ये निर्णय लिया गया है। अब जिल्ला अदालतों में एक करोड़ रुपए तक कि सिकायत दर्ज करवा सकते है आप। ओर सिकायत के बाद ग्राहक को अदालत में जाने की जरूरत भी नही रहती, ग्राहक वीडियो काल से भी सिकायत की सुनवाई में उपस्थित रह सकता है। जिससे ग्राहक का समय और पैसा भी बचता है।
उत्पादक की जिम्मेदारी:
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इस कायदे में उत्पादक को भी शिकंजे में लिया गया है । उत्पादक ने बनाई हुई प्रोडक्ट से अगर ग्राहक को कोई नुकसान होता है तो उसका खामियाजा उत्पादक को भुगतना पड़ेगा। जैसे की प्रेसर कुकर खरीदने के बाद कुकर फटने से कोई हादसा होता है तो पहले उत्पादक को कुकर की कीमत ही देनी पड़ती थी पर अब जो भी नुकसान ग्राहक का होगा वो उत्पादक को देना होगा। इस कायदे में उत्पादक के साथ साथ उत्पादन की जवाबदारी सर्विस प्रोवाइडर ओर विक्रेता की भी होगी, जिससे ई-कोमर्स कंपनीया बच नही सकेगी।
ई-कॉमर्स कंपनी भी निशाने पर:
इस नये कायदे में अब ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते ई कॉमर्स कंपनीयो को भी शामिल कर दिया गया है। इस लिए ऑनलाइन शॉपिंग में भी अब ये सभी कानून लागू होंगे। इस कायदे में निर्देशकीय गया है कि अमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट, जैसी कंपनियो को उनके ग्राहकों को सभी विक्रेताओ की पूरी जानकरी देनी होगी, जैसे कि विक्रेता का पता mail id, फोन नम्बर आदि। ओर उन्हें ये भी ध्यान रखन होगा कि उनके माध्यम से कोई विक्रेता नकली चीजे न बेचे। ये फैसला इस लिए लिया गया है क्योंकि ऑनलाइन बहोत ऐसी नकली चीजे मिलने की सिकायते आती रहती है। और अगर ऐसा हुआ तो उन कंपनीओ को जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
CCPA केंद्रीय उपभोगता संरक्षण अधिकरण:
2019 के इस कायदे में CCPA का गठन करनेका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के अधिकार, खराब व्यापार व्यवहार, गलत विज्ञापन, ओर नकली उत्पादों को बेचने के मामलों को देखना है। CCPA के पास अधिकार है कि वे ऐसे नकली ओर भ्रामक विज्ञापन दिखाने वाले को 50 लाख तक का जुर्माना या 2 से 5साल की सज सुना सकते है।
2019 के ग्राहक सुरक्षा कायदे की कुछ मुख्य बाते।
1 इश्मे ऑनलाइन ओर टेली शॉपीनग करने वाली कंपनियो को भी शामिल किया गया है।
2 मूवी थिएटर में किसी चीज के ज्यादे पैसे लेने की शिकायत पे हो सकेगी कड़क कार्यवाही।
3 खाने पाइन की चीजो में मिलावट होगी तो जुर्माना ओर जेल भी हो सकेगी।
4 CCPA एक मध्यस्थि का कम करेगा जो दोनो पक्ष के बीच रहकर समाधान करवाने में मदद करेगा।
5 सिकायत आप घर बैठे या अपने आफिस से भी ऑनलाइन कर सकते है।
6 सुनवाई में जाने की जरूरत नही वीडियो कॉल से हाजिर रह सकते है।
7 ई कॉमर्स कंपनियो को 24 घंटे में सिकायत लेनी होगी और 2 एक महीने में इसका निवारण करना होगा।
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