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90% ડેમેજ થયા બાદ પણ લિવર ઓટોમેટિક રિપેર થાય:

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  આપણું સૌથી વફાદાર અંગ લિવર છે, પણ શું તમે એને વફાદાર છો?, આ રીતે રાખો હેલ્ધી https://redcliffelabs.com/myhealth/health/what-is-fatty-liver -and-how-to-diagnose-it/ લખતેજિગર. તમે આ શબ્દ સાંભળ્યો જ હશે. જો તમે કોઈ માટે તમારો અગાધ પ્રેમ વ્યક્ત કરવા માગતા હોવ તો કહો કે તે મારા દિલનો ટુકડો છે. આ શબ્દ બોલિવૂડનાં ગીતોમાં વારંવાર સાંભળવા મળે છે. અજય દેવગન અને કરિશ્મા કપૂરની ફિલ્મ છે - જિગર. જ્યારે તમે હિન્દી ગીતોમાં 'જિગર' શબ્દ સાંભળો છો ત્યારે તમને લાગે છે કે ગીતકાર શરીરના કયા ભાગનો ઉલ્લેખ કરી રહ્યો છે? તમારી આસપાસના લોકોને પૂછવાનો પ્રયાસ કરો. મોટા ભાગના જવાબો હશે - હૃદય. ના, ખોટો જવાબ. જિગર હૃદય નથી, પણ લિવર છે. લિવર એ આપણા શરીરનો એક એવો ભાગ છે, જે સૌથી કીમતી, સૌથી વફાદાર, સૌથી મહત્ત્વપૂર્ણ છે, પરંતુ જેના વિશે આપણે ઓછામાં ઓછું જાણીએ છીએ અને એની ઓછી કાળજી પણ લઈએ છીએ. આપણે પિત્ઝા, બર્ગર, કોલ્ડ ડ્રિંક્સ, આલ્કોહોલ જેવી વસ્તુઓ ખાતા-પીતા હોઈએ છીએ અને આપણું લિવર એને સહન કરી રહ્યું છે. આ બધું લિવર માટે યાતનાથી ઓછું નથી. તેમ છતાં એ આપણું ભલું વારંવાર ઈચ્છે છે એ એની ભલાઈ છે. લિવર આપણા શરીરમા

जुगनू में ये प्रकाश कहासे आता है?

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आप मेसे कई लोगोने जुगनू यानी प्रकाश वाले इस जंतु को देखा होगा जो रात के समय हवामें उड़ता है तब हमें इनमे एक तरह की लाइट देखने को मिलती है, हम इसे चमत्कारिक जीव भी मानते है और कई सारी दंतकथाएं भी है इनकी। जुगनुओं की इस दुनियामे 2000 से अधिक प्रजातीया है। ये शमसितोष्ण विस्तार में ज्यादा देखने को मिलते है जैसे कि एशिया और अमेरिका में आमतौर पर ये दिख जाते है। हमे ये तो पता है कि इन्हें जुगनू क्यो कहते है पर ये नही पता के ये प्रकाश कहासे आता है।  जुगनुओं के पेट के नीचे ये अंग जोते है जिससे लाइट पैदा होती है, ये जीव जब ऑक्सीजन को अपने शरीर मे लेते है तब उनके शरीर की कोशिकाओं में लुसिफेरिन नाम के पदार्थ के साथ मिलता है तब ये प्रकाश उत्पन्न होता है , ओर इस प्रकाश में गर्मी नही होती। जुगनू की रोशनी रुक रुक कर होती है, ओर एक पैटर्न में चमकती है। ये पैटर्न हरेक प्रजाति की अद्वितीय होती है। ये पैटर्न से जुगनू एक संकेत देते है जिससे उन्हें अपने साथी को खोजने में आसानी होती है। पर वेज्ञानिको को ये अभीतक पता नही लग सका कि ये रोशनी कैसे चालू होती है और कैसे बंध। इस प्रकाश की वजह से ये अपना रक्षण करते ह

34 साल पुराना कायदा बदला, अब ग्राहक नही होगा परेशान।/Consumer Protection Act 2019.

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दोस्तो हम सब के लिए ये बहोत ही खुशी के समाचार है कि ग्राहक सुरक्षा अधिनियम में ये बदलाव आया है, इससे अब किसी भी ग्राहक को कोई तकलीफ नही रहेगी। केन्द्र सरकार ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 लागू कर दिया गया है, जो पहले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 था। इश्मे 34 साल बाद बदलाव आया है। अब नही होंगे गलत विज्ञापन: Source इस नये कायदे के आने के बाद कोई भी कंपनी अपनी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन नही कर सकती, ओर अगर ऐसा किया तो उनके ऊपर कार्यवाही हो सकती है। और इस कार्यवाही को कम समय मे ही समाप्त करनी होगी। इस कायदे में अदालतों के साथ साथ शिकायत करने के लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी(CCPA) का भी गठन किया गया है। इश्मे ग्राहक की सीकायतों का जल्द से जल्द हल निकलेगा। विज्ञापन में आने वाले सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकती है: Source जी हा दोस्तो अब ग्राहक को लुभाने के लिए किसीभी प्रोडक्ट का गलत विज्ञापन दिखाने पे नाही उस कंपनी को बल्कि उस विज्ञापन में दिखाए गए सेलिब्रिटी पर भी कार्यवाही हो सकेगी। इस लिये अब कोई भी क्रिकेटर या कोई फिल्मी हस्ती ऐसी कोसी प्रोडक्ट का विज्ञापन करने से पहले 100 ब

क्या अंतर है 'मैजिस्ट्रेट' ओर 'जज' में।Deference between 'Magistrate' and 'judge'.

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ये दोनों शब्द हम कई बार सुनते हे ओर हमे ऐसा लगता है कि ये दोनों एक दूसरे के समानार्थी शब्द है पर एसा बिल्कुल नही है ये दोनों पोस्ट यानी पद और इनके काम काफी अलग है। तो आइए जानते हे कया फर्क है इनके बीच। मैजिस्ट्रेट (Magistrate): मैजिस्ट्रेट एक न्यायिक अधिकार वाले ऑफिसर होते है, जिसे सिविल ऑफिसर भी कहते है। ये किसी शहर या जिले में कायदे की व्यवस्था करते है। वे जज की तरह कानूनी केस देखते है पर इनके अधिकार जज जितने नही होते। जज के पास जितनी कायदे बनाने की मर्यादा होती है उनसे कम मैजिस्ट्रेट के पास होती है।  इनकी तनख्वा 56,000 से 1,16,000 तक होती है। जुडिशल मैजिस्ट्रेट :  निचली अदालतों में मैजिस्ट्रेट केस की सुनवाई करते है जो बहोत प्रारभिक मामलो के केस होते है। वे सेसन जज के अधीन होते है। चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट : चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट की हैसियत से हाइकोर्ट में इन्हें नियुक किया जाता है, जो हर जिले में होते है। वे सेसन जज के अंडर में आते है। मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट : इन्हें उन जगहों पर नियुक्त किया जाता है जहाँ की आबादी 10 लाख से अधिक है। वे सेसन जज को रिपोर्ट करते है और मुख्य नगर के मैजिस

समुद्र में कभी कभी दिखने वाली ये चोरस तरंगे।

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समुद्र में कभी कभी दिखने वाली ये चोरस तरंगे दिखने में तो बहोत अच्छी लगती है पर उतनी ही खतरनाख भी होती है। (Liron Barakiva) चोरस तरंगे एक समुद्रका एक अलग जथ्था होता है जो दो अलग अलग दिसा में तरंगे बनाता है, ऐसी तरंगे समुद्र की सतह  के ऊपर शांत दिनोमें हजरों माइल्स तक का सफर करती है। समुद्र में दूर होने वाले तूफान पानी को गोल मोड़कर एक तरंग बनाता है और उसे स्थानिक हवाई परिवर्तित करती है। जो दो अलग अलग तरंगों से मिलकर बनती है, एक तरंग वो जो प्रणालीगत होती है और दूसरी स्थानिक हवाओ द्वारा निर्मित होती है। पर इस तरह की तरंगें हमे कभी कभी ही देखने को मिलती है। ये तरंगे सतह के ऊपर तो एकदम शांत होती है पर पानी के अंदर बहोत खतरनाख रूप होता है। ये तरंगे बहोत भयानक होती है और ऐसी तरंगों में समुद्री हगज का अकस्मात होता है क्यो को जहाज का नियंत्रण चला जाता है। इन तरंगों को अक्शर फ्रांस के टापू के पास देखा जाता है। इसे देखने कई सारे प्रवाशी भी आते है। पर इन प्रवशियो को समुद्र से दूर रहनेकी सूचना दी जाती है। ये तरंगे बहोत लंबे समय तक नही रहती।

खुबशुरत हिलस्टेशन जो अहमदाबाद से 500 km के अंदर आते है। / Hillstation Near Ahmedabad

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Source 1सापुतारा: Source सपुतारा गुजरात का सबसे जानामाना हिलस्टेशन है। ये गुजरात के डांग जिले में सहयाद्रि पर्वतमाला में आया हुआ है। यहा पर बहोत सारी हरियाली ओर जिल-जरने है, सापुतारा में घूमने के लिये बहोत सारि अलग अलग जगह है और कई सारी एक्टिविटी भी है जो आप कर सकते है। यह जगह आपको मंत्रमुग्ध कर देगी, ओर परफेक्ट वीकेंड के लिये  ये बहोत मजेदार हिलस्टेशन है। Source विजिट करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी है। अहमदाबाद से ये 400km दूर आया हुआ है। यहा पे जाने का सबसे अच्छा रास्ता बस या कार से जाना है। पोहचने का समय करीबन 6 घंटे जितना लगता है सापुतारा में करने लायक एक्टिविटी में आप तालाब में बोटिंग कर सकते है, बोटैनिकल गार्डन, आर्टिस्ट विलेज, रोपवे, सनसेट, इको पॉइंट है। सापुतारा घूमने में आपको 1 से 2 दिन का समय चाहिए। 2 माउंट आबू: Source रेगिस्तान की हरियाली के नाम से जाना जानेवाला राजस्थान का एक मात्र हिलस्टेशन जो गुजरात के बॉर्डर पर पड़ता है। ये अहमदाबाद के पास वाला सबसे लोकप्रिय हिलस्टेशन है। अरावली पर्वतमाला के सर्वोच्च शिखर पर स्थित ये हिलस्टेशन जैन धर्म के देलवाड़ा के देरों से प्रसिध

वर्ल्डकप फाइनल की सुपर ओवर खेलने से पहले बैन स्टॉकस ने क्या किया था?

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आप सब को 2019 का वर्ल्डकप फाइनल मैच तो याद ही होगा, जो इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीम के बीच मे खेला गया था। ये मैच इतना मजेदार था कि इतना मजा तो इंडिया और पाकिस्तान के मैच में भी नही आता।  Source इस फाइनल मैच में तकरीबन 27 हजार जितने दर्शक वहा पे मौजूद थे, ओर कई सारे कैमरा के जरिये पूरे विश्व मे इसका जीवंत प्रसारण हो रहा था। इस बातसे आप समज सकते है कि मैच में खेल रहे खिलाड़ियो पर कितना प्रेसर होगा। इस मैच में दोनों टीम ने 241-241 रन बनाये थे और ये मैच टाई हुआ था, उसके बाद सुपर ओवर हुआ था। तब इंग्लैंड की ओरसे पांचवे क्रम पर बैन स्टॉक्स आये थे जिन्होंने 84 रन किये थे वो भी नॉटआउट रहकर। ओर जब सुपर ओवर हुआ तब भी उन्हें ही बैटिंग में आना था। इस बात से इतना प्रेसर बन गया था कि उनको कोई ऐसी जगह की तलाश थी जहाँ पे वो अकेले हो और तब वे ड्रेसिंग रूममे जाके शावर लिया और सिगरेट पी कर उन्होंने स्ट्रेस को कम किया था।  Source ओर उसके बाद तो आप सब जानते ही है कि वर्ल्डकप फाइनल का खिताब इंग्लैंड की टीम ने अपने नाम कर लिया था।

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