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M.R.I ओर C.T Scan. क्या फर्क है, ओर क्यो उपयोग होते है।


MRI ओर CT Scan दोनो ही डाक्टरी उपकरण है जो मरीज के रोग का निदान करने के लिए ओर, मरीज में कोनसा रोग है और उसका किस प्रकार इलाज करना है यह जांच करने के लिए डॉक्टर्स द्वार उपयोग में लिया जाता यंत्र है। पर हमें ये पता नही होता है कि कोनसा यंत्र कब काम मे लिया जाता है कभी डॉक्टर हमे MRI करवाने को बोलते है और कभी CTScan करवाने को भी बोलते है। जब हम इन गोलाकार मशीनों को देखए है तो दोनों में कुछ खास फर्क नही लगता पर फिरभी ये एकदूसरे से कैसे अलग पड़ते है इसके बारेमे आज हम जानेंगे।

M.R.I:

M.R.I का पूरा नाम  मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग है। ये यंत्र चुम्बक ओर रेडियो तरंगों के द्वारा आपके शरीर की हड्डियां, मांसपेसियों ओर अंगों की विस्तृत चबी यानी इमेज बनाता है। जिसजे इन सब जगह गहराई से देख कर डॉक्टर्स पता लगा सकते है ओर शरीर मे कहापे ओर क्या प्रॉब्लम है। 

ये यंत्र कोनसे रोग के निदान में उपयोग में लिया जाता है ये देखते है।

1 स्तन कैंसर: 

MRI मशीन का उपयोग करके डॉक्टर स्तन कैंसर की गांठ को ढूंढ कर इसका निदान कर सकते है।

2 अन्य कैंसर: 

हमारे शरीर मे अन्य किसीभी जगह कैंसर की गांठ को इसके जरिये देखा जा सकता है, और शरीर के किसी संदिग्ध जगह पर भी इस गांठ को देख कर इसका निदान करने में उपयोगी होता है।

3 जॉइंट प्रॉब्लम: 

शरीर मे किसी जगह हड्डियों के जॉइंट में किसीभी प्रकार के प्रॉब्लम को हल करने में उपयोगी है।

4 रक्त वाहिनी की अनियमितता:

MRI में रक्त वाहिनी के संबंधित किसीभी प्रकार के प्रॉब्लम को देखा जा सकता है।

5 मगज के इलाज में:

हमारे शरीर मे मगज के संबंधित सभी प्रकार की खामियों को ढूंढ कर निदान किया जाता है।जैसे कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस, स्टॉक, करोडरज्जु ओर दुसरि कोइ मगज की प्रॉब्लम।

6 अन्तरडी के प्रॉब्लम:

अन्तरडी के संबंधित कोई रोग जैसे कि अन्तरडो में सूजन या ऐसी किसी भी परेशानी को हल किया जा सकता है।

7 लिवर की बीमारी:

लिवर के संबंधित किसी भी बीमारी का निदान संभव है ।

8 अस्थि विकार:

MRI से डॉक्टर को हड्डिया ओर उनके आसपास की पेसीओ की पूरीतरह से जानकारी मिलती है और पता चलता है कि कोई इन्फेक्शन या गांठ है कि नही।

MRI करवाते समय क्या होता है?
MRI करवाते वक्त पहले आपको एक प्रवाही दीया जाता है जो आपको पीना होता है या आपके शरीर मे इंजेक्ट किया जाता है। ओर इसका आधार आपके शरीर के कोनसे भाग को स्कैन करना है उसपे निर्भर होता है। MRI करने से पहले आपके सभी गहने ओर कपड़े निकाल के एक मेडिकल ड्रेश पहना कर किया जाता है।
उसके बाद आपको मशीन के टेबल पर लेटा दिया जाता है और कान में ईयरप्लग या हेडफोन दिया जाता है क्योंकि ये मशीन आवाज बहोत करती है।
ये प्रक्रिया एक घंटे तक चलती है , ओर बीच मे कभी कभी आपको अपनी सांस रोकनी भी पड़ती है क्योंकि इससे आपका रिपोर्ट एकदम सटीक आता है। यह प्रक्रिया में किसीभी प्रकार की पीड़ा नही होती।

CTScan:

इसका मतलब कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्केनिंग होता है। कभी कभी इसे CATscan भी कहा जाता है जिसका मतलब कंप्यूटेराइस एक्सियल  टोमोग्राफी है। CTscan आपके शरीर के कई सारे एक्सरे इमेज लेता है। ये बहोत ही लोकप्रिय है । अमेरिकामें ये हर साल 70 मिलियन लोग करवाते है।
CTscan ज्यादातर हड्डियों , मासपेशियों, मगज ओर दूसरे अंगों के लिए किया जाता है। 

डॉक्टर्स इसे इन समस्या के लिए करवाने को कहते है।

1 सर्कुलेशन प्रॉब्लम:

दिल की बीमारी, रक्तवाहिनी में रुकावट, किडनी की तकलीफे, लंग्स यानी फेफड़ो की समस्या आदि में उपयोगी है।

2 पेट की समस्याएं:

ये पेट की किसी भी समस्या जैसे लिवर, पैंक्रियास ओर किडनी में कैंसर या किसी इन्फेक्शन को खोजने में मदद करता है।

3 पेशाब की समस्याएं:

पेसाब की किसी समस्या जैसे कि पेसाब में खून निकलने आदि समस्याए हल हो सकती है।

4 फेफड़ो की समस्याएं:

इस यंत्र से फेफड़ो की समस्याए पता चल सकती है जैसे सांस की कोई समस्या,फेफड़ोमें गांठ या फेफडो का टूटना इश्मे पता चलता है।

5 हड्डियों की समस्याएं:

कई बार नार्मल एक्सरे में डॉक्टर्स को पता नही चल पाता के क्या समस्या है तब CTscan करके उन्हें पता चलता है कि हड्डियों में कहा पे गांठ है और करोडरज्जु में क्या समस्या है।

6 शिर की समस्या:

जब शिर में रक्त प्रवाह की समस्या, हेमरेज, गांठ, जैसी तकलीफे हो तो इससे पता चल सकता है।

CTScan करवाते समय क्या होता है?
जब डॉक्टर आपको CTscan रिपोर्ट करवाने को कहे टब आप लैबोरेट्री में जाते है और आपके अंदर प्रवाही इंजेक्ट किया जाता है। उसके बाद आपको मेडिकल ड्रेस पहनाके CTscan मशीन के टेबल पर लेटा दिया जाता है जो MRI के बराबर ही होता है। उसके बाद टेबल सकैनिंग मसीन में जाता है जो बहोत फ़ास्ट ओर शांत होता है। इस दौरान आपको कोई भी तकलीफ नही होती और कोई भी चीज आपके शरीर को छूती नही होनी चाहिए। इश्मे अधिकतर 10 मिनिट जितना समय लगता है। 

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