अपने दिमाग को रिलेक्स कैसे रखे
https://sherwoodwellness.tv/guide-overcoming-stress/stressful-thoughts/ |
हेलो फ्रैंड्स हम अक्सर ये
बोलते हे और सुनते भी हे की स्वस्थ रहना हे तो खाना पीना अच्छा होना चाहिए . मगर
सिर्फ खाना पीना ही एक मात्रा स्वस्थ रहने का रास्ता नहीं हे। स्वस्थ
रहने के लिए और भी एक बात जरुरी हे और वो हे अपने मन को सांत रखना। हमें
डायरेक्टली ये पता नहीं चलता के हमारा मन स्वस्थ्य पर असर करता
हे, पर देखा
जाये तो कोई भी बीमारी हो उसको बढ़ाना या घटना वो हमारे मन पर निर्भर हे। तो इस
पोस्ट में हम मन को कैसे सांत रखे और कैसे स्वस्थ रहे इसके बारेमे जानेंगे।
स्वस्थ
रहने के लिए सबसे पहले किसी भी प्रकार की फालतू बातो के बारे में सोचना हमें बांध
करना होगा। हम दिनभर किसी न किसी बातो को मन में रखके उसके बारेमे पूरा दिन कुछ न
कुछ सोचते रहते हे और वो बात इतनी जरुरी होती भी नहीं फिर भी उसके बारे में हमारे
मन में कुछ न कुछ चलता रहता हे। ऐसा
करने से हमें कुछ हासिल तो होता नहीं बल्कि हमारे मन की शांति भंग होती हे।
http://www.awaken.com/2017/10/yoga-effective-at-reducing-symptoms-of-depression/ |
रिलेक्स कैसे रहेंगे :
दोस्तों योग के कई सारे अाशन में हमें अपने मन को
सांत रखने की बहोत सारी तरकीबे
बताई गई हे। और योग करने से आप अपने दिमाग को सांत और स्थिर रख सकते हो। इसी लिये
योग का महत्व बहोत ज्यादा हे, इस लिए हमें योग करने
चाहिए। अगर हमारा दिमाग हर वक्त कुछ न कुछ सोचता रहेगा तो हम रिलेक्स नहीं रह
पाएंगे और इसकी वजह से हमारे स्वास्थ्य पर भी असर पड सकता हे। क्यों की रिलेक्स न
रहने से हमारे दिमाग में तनाव बढ़ता हे, इससे हमें गुस्सा और
नेगेटिविटी आने लगती हे। दिमाग में तराह तरह के विचार न आये इस लिए हमें खुद को
किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखना चाहिए क्यों की जब हमारे पास कुछ काम नहीं
होता तो हमारा दिमाग फ्री हो जाता हे और इससे वो दूसरी सब फालतू चीज़ो पे सोचना
सुरु कर देता हे। जब कोई काम पूरा होता हे तो उसके बाद हमें थोड़ी देर तक आंखे बांध
करके बैठना चाइये इससे हम अपने आपको रिलेक्स महसूस करेंगे। और उसके बाद किसी दूसरी एक्टिविटी में मन लगाना चाहिए। अगर बहोत
ज्यादा तनाव जैसा महसूस करे तो एक छोटा सा पावर लैप यानि की एक जबकि लेकर आप अपने
आप को रिफ्रेश कर सकते हो।
https://www.youtube.com/watch?v=TR1HsszjA-g |
ज्यादा सोचना बंध करदो :
कई बार हम बैठे बैठे ऐसी
ऐसी बातो के बारेमे सोचते हे जो किसी काम की नहीं होती, और ऐसा करके हम अपनी ही सेहत को ख़राब करने में लग जाते हे। कई बार तो ऐसी बातो के बारे में सोचने लग जाते हे जो वास्तविक में
होती ही नहीं बस काल्पनिक मनघडत होती हे और ऐसी बातो के बारेमे सोचते सोचते बहोत
गहराई तक चले जाते हे। जितना जल्दी हो सके किसी भी बात का स्वीकार करलेना चाहिए और
उसका निष्कर्ष कर देना चाहिए। क्योकि किसी भी बात को स्वीकार किये बिना हम मन ही
मन में उसे बढ़ा देते हे और फिर बाद में वो हमें ही नुकशान पौहचातिि है। इसमे से
जल्द से जल्द नहीं निकले तो वो आपको और
भी गहराई में ले जाएगी और आप तनाव के शिकार हो सकते हो।
https://www.thenewsminute.com/article/why-accepting- your-depression-first-step-getting-better-54065 |
स्वीकाश करना सीखिए :
दोस्तों ये बहोत बड़ी बात हे की अगर आप में स्वीकार
करने की कुशलता हे तो आप जीवन में कभी भी दुखी नहीं होंगे। पर ये बहोत कठीन भी हे क्यों की सब के बस की बात नहीं होती किसी भी बात को आसानी से स्वीकार करना। हम कभी
कभी कई ऐसी बाते होती हे जो हमारे साथ होने के बाद हम हुसे स्वीकार नहीं कर सकते।
और जो हो चूका हे उसके ही बारे में सोच सोच कर अपनी सेहत को भी ख़राब करते हे। जो
होना था वो तो हो चूका हे अब आप कितना भी सोचेंगे तो वो बदलने वाला नहीं हे। इससे अच्छा हे की जो हुआ हे उसे भुला कर जो होने वाला हे वो कुछ
अच्छा हो सके इसके प्रयत्न में लग जाये।
https://www.ishn.com/articles/106974-the-osha-blaming-and-shaming-game |
किसी और
पर ब्लैम ना करे :
दोस्तों कई बार हमारे साथ कुछ गलत होता हे तो हम
इससे जुड़े किसी न किसी व्यक्ति या वस्तु को जिम्मेदार ठहरा देते हे की इसकी बजह से
ऐसा हु वर्ना में ये कर देता और वो करदेता। ये बहोत बुरी आदत हे की अपनी गलतिओ का
जिम्मेदार किसी और को बनाया जाये। हमारे साथ जो भी होता हे या होने वाला होता हे
वो सिर्फ और सिर्फ हमारे वर्तन और व्यव्हार की वजह से होता हे। अगर हमारा व्यव्हार
अच्छा हे और काम अच्छा हे तो हमारे साथ कुछ बुरा नहीं होगा। अगर कोई हमारे साथ
बुरा करता हे तो वो इंडिरेक्टली हमारी आज्ञा के अनुसार ही कर्त होगा, क्योकि कोई भी इंसान आपके साथ तब तक कुछ नही कर सकता जबतक आपकी आज्ञा
ना हो।
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