अंधविश्वास ओर उसके वैगनानिक कारण
भारत एक अंधविश्वास का देश है, जिसकी हर एक बात में अंधविश्वास होता है। मगर इन सब बातों के पीछे का वैगनानिक कारण क्या होता है ये हम जानते नही ओर आंखे बंद करके उसे फॉलो करते रहते है
हम देखते है कि कई जगहों पर निम्बू ओर मिर्ची लटकी होती है या किसी भी वस्तु के साथ बंधी होती है जैसे कि घर के दरवाजे के पास या तो किसी वाहन के साथ।
कारण: इसका वैगनानिक कारण ये है कि निम्बू ओर मिर्ची के बीच मे से कॉटन का धागा निकल के उसे लटकाते है, इससे निम्बू में रहे विटामिन सी ओर मिर्ची में रहे न्यूट्रिसीन्स हवामें फैलते है और वातावरण को हेल्थी बनाते है। मग ये बात हम नही जानते।
2) नदी में या किसी भी पवित्र जगह पर पानी के कुंड में सिक्का डालने से भाग्य खुलता है।
बरसो से ये अंधश्रद्धा चली आ रही है कि पानी के कुंड या नदी में सिक्का डालने से अपना भाग्य खुलता है। पर इसके पीछे क्या वैगनानिक कारण चुप हुआ है ये बहोत ही कम लोग जानते है।
कारण: पानी मे सिक्के डालना बहोत अच्छी बात है पर इसके पीछे का कारण ये है कि पहले के जमाने मे जो सिक्के आते थे वो ताम्र धातु (copper)के हुआ करते थे। जिसको पानी मे डालने से कोपर ओर पानी की रासायनिक प्रक्रिया होने से पानी 99.9 प्रतिशत सुद्ध रहता था। मगर आज के जमाने मे कॉपर के सिक्के नही आते इस लिए आज के समय मे ये तकनीक कुछ काम की नही है।
सालो से हमे ये बोला जाता है कि ग्रहण है तो कही बह मत जाओ और किसी भी चीज का उपभोग मत कर इससे ये होता है और वो होता है ऐसी कई सारी अफवाहे है मगर इसके पीछे भी वैगनानिक कारण है।
कारण: सूरज हमेसा उल्टरवाईओलेट रेयस छोड़ता है और ग्रहण के समय ज्यादा रेयस हम तक पहोचते है।इसलिए हमें ग्रहण देखना नही चाहिए।
हमे कहा जाता है कि किसी अर भी छिपकली गिरती है तो ये बहोत अशुभ बात होती है और इस तरह के अंधविश्वास से डराया जाता है। मगर उसका सही कारण हमें पता नही होता।
कारण: छिपकली आमतौर पर सबके घरो में पाई जाती है। और वो सूखे सत्रु जीवजंतु से बचने के लिए ज़हरीले बीओकेमिकाल छोड़ती है, जो हमारे संपर्क में आने से हमे भी उसकी असर होती है इस लिए छिपकली को असुभ मन जाता है।
हमे बरसो से समजाया जाता है कि साम के वक्त घरमे जाड्ड या साफसफाई नही करनी चाहिए। इससे घर मे लक्ष्मी की कमी होती है। ऐसी गलत बाटे समजाई जाती है।
कारण: पहले के समय मे प्रकाश यानी कि बिजली की सुविधा उपलब्ध नही थी, इस लिए घरो में पड़ी हुई कीमती चीजे जैसे कि सोने की कोई चीज पड़ी और रात के अंधेरेमे न दिखने के कारण जड्ड लगते वक्त वो भी कचरे के साथ चली जाती है इस लिए साम ढलने के बाद घर किसफ़सफाई नही करते थे।
6) बाहर जाते वक्त दही सक्कर खा कर जाना शुभ माना जाता है।
हम कही बाहर गांव या किसी अच्छे काम के लिए बाहर जाते है तो घरवा ले दही सक्कर खिलाते है और इस मानते है कि ये बहोत शुभ होता है। मगर इसके पीछे का वैगनानिक कारण तो आपको पता ही नही होगा।
कारण: निसंदेह इसे एक धार्मिक कारण माना जाता है पर इसमे शुभ-अशुभ का कोई कारण नही है। दही प्रकृति रूप से शरीर मे ठंडक रखने में मदद करता है इससे हमें गुस्सा नही आता और दिमाग शांत रहता है। ओर सक्कर हमारे शरीर मे ग्लूकोस लेवल बढ़ाता है।
6) बाहर जाते वक्त दही सक्कर खा कर जाना शुभ माना जाता है।
हम कही बाहर गांव या किसी अच्छे काम के लिए बाहर जाते है तो घरवा ले दही सक्कर खिलाते है और इस मानते है कि ये बहोत शुभ होता है। मगर इसके पीछे का वैगनानिक कारण तो आपको पता ही नही होगा।
कारण: निसंदेह इसे एक धार्मिक कारण माना जाता है पर इसमे शुभ-अशुभ का कोई कारण नही है। दही प्रकृति रूप से शरीर मे ठंडक रखने में मदद करता है इससे हमें गुस्सा नही आता और दिमाग शांत रहता है। ओर सक्कर हमारे शरीर मे ग्लूकोस लेवल बढ़ाता है।
7) तुलशी ले पत्तो को चबाने से लक्ष्मी जी का अपमान होता है।
पहले लोग ऐसा मानते थे कि तुलशी के पत्तो को दात्तो के बीच दबाने से या चबाने से देवी लक्ष्मी का अपमान होता है। इस लिए उसे चबाना नही चाहिए बल्कि मुहमे रख कर निगल जाना चाहिए
कारण:विज्ञान के मुताबिक तुलसी के पत्तो में आर्सेनिक एसिड होता है जिसे चबाने का परिणाम हमारे दांतो की कोटिंग को खराब कर देता है इस कारण से हमे तुलसी के पत्तो को चबाना नही चाहिए।
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